NRC (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) Essay, निबंध -Detailed Information
NRC के बारे में संपूर्ण जानकारी | राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (nrc) पे निबंध.
NRC (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) पर निबंध, Essay on nrc in Hindi.
NRC क्या है?
NRC का full-form होता है Natinal Register of Citizens. मतलब की इस रजिस्टर में नागरिकों के नामों की सूचि बनाई जाती है। इसमें नागरिकों के नाम, पते और फोटो शामिल किए जाते हैँ। इसमें उन सभी भारतीय नागरिकों का नाम शामिल होगा, जो 2019 में संशोधित नागरिकता अधिनियम (CAA) 1955 के अनुसार है। नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिज़न्स या nrc 2021 में पुरे देश में लागू होना प्रस्तावित है। यह अभी तक लागू (असम राज्य को छोड़कर) नहीं किया गया है।
NRC से पता चलता है कि कौन भारतीय नागरिक है और कौन नहीं। जिनके नाम इसमें शामिल नहीं होंगे, उन्हें अवैध नागरिक माना जायेगा। भारतीय जनता पार्टी की सत्तारूढ़ सरकार NRC को पूरे भारत में लागू करना चाहती है। भारत में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम और एन.आर.सी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए है, प्रदर्शनकारियों को चिंता है कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के आगामी संकलन का उपयोग एक समुदाय को भारतीय नागरिकता से वंचित करने के लिए किया जा सकता है।
NRC के लिए स्वीकार्य दस्तावेज:
जन्मस्थान और जन्मतिथि से संबंधित कोई भी दस्तावेज इसके लिए जरुरी होगा। वैसे अभी nrc में जरुरी दस्तावेज के बारे में फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन संभावना है कि आधार, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, जन्म प्रमाणपत्र, लाइसेंस, बीमा के पेपर, SLC, घर और जमीन से संबंधित दस्तावजे या इसी प्रकार के अन्य दस्तावेज को इसमें शामिल किया जा सकता है।
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में लोगों की पूरी डिटेल शामिल करने का कार्य सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रहा है और अब तक इस रजिस्टर का अंतिम स्वरूप जारी नहीं किया गया है।
NRC history | एन.आर.सी का इतिहास
पहला नागरिक रजिस्टर को वर्ष 1951 की जनगणना के बाद 1951 में तैयार किया गया था। 1947 में बंटवारे के बाद असम के लोगों का पूर्वी पाकिस्तान/बांग्लादेश में आना-जाना जारी रहा। 1979 में असम में घुसपैठियों के खिलाफ स्टूडेंट्स यूनियन ने आंदोलन किया। इस मुद्दे पर असम में कई बड़े और हिंसक आंदोलन हुए। इसके बाद 1985 में तब की केंद्र सरकार ने असम गण परिषद से समझौता किया। इसके तहत 1971 से पहले असम में घुसने/आने वाले बांग्लादेशी को भारत की नागरिकता दी जाएगी।
असम में बांग्लादेश से आए घुसपैठियों पर बवाल के बाद सुप्रीम कोर्ट ने एन.आर.सी अपडेट करने को कहा था। ये रजिस्टर असम का निवासी होने का सर्टिफिकेट है। लेकिन असम का NRC वहां के लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया। यह माना जा रहा है कि कई वैध नागरिकों को बाहर रखा गया, जबकि अवैध प्रवासियों को शामिल किया गया।
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