थर्ड पार्टी वाहन बिमा का मतलब! | Third Party Insurance meaning in Hindi

क्या है 3rd पार्टी इंश्योरेंस का मतलब और इसके फायदें! (Third party insurance & benefits)


बीमा खरीदने वाले व्यक्ति को 1st पार्टी के रूप में जाना जाता है। कोई भी बीमा कंपनी, जो खरीदार को बीमा प्रदान करती है, 2nd पार्टी कहलाती है। सड़क दुर्घटना में किसी भी व्यक्ति या उसकी संपत्ति / वाहन को होने वाली क्षति को 3rd पार्टी के रूप में जाना जाता है।

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या है! 

थर्ड पार्टी मोटर बीमा होने पर, बीमा कंपनी आपकी ओर से दुर्घटना में दूसरे व्यक्ति के नुकसान की भरपाई करती है। यदि आपके गाड़ी से किसी व्यक्ति या उसकी संपत्ति को नुकसान पहुँचता है तो आप कानूनी रूप से भरपाई करने के लिए उत्तरदायी होते हैं। 

ऐसे में 'Third Party Insurance' काम में आता है। मुआवजा निर्धारण में अदालती कार्रवाई, अस्पताल खर्च वगैरह का जिम्मा भी बीमा कंपनी उठाती है। गाड़ी का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस नहीं होने के सुरत में, सारे नुकसान की भरपाई आपको अपनी जेब से करनी पड़ती है।

Third party insurance meaning and benefits in hindi

3rd पार्टी इंश्योरेंस लेना अनिवार्य है या नहीं!

नये वाहन खरीदने वाले हर शख्स के लिए 'थर्ड पार्टी' मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना अनिवार्य है। नया टूव्हीलर लेने पर 5 साल और फोर व्हीलर लेने पर 3 साल का थर्ड पार्टी बिमा लेना जरूरी होता है, जिसे गाड़ी के एजेंसी द्वारा गाड़ी खरीदते समय ली जाती है। यह कार, मोटरसाइकिल या कमर्शियल गाड़ी तीनों के मामले में लागू होता है। 

थर्ड पार्टी बिमा की विशेषता और खासियत (Third party insurance benefits in Hindi):

  1. किसी अन्य की मृत्यु या शारीरिक क्षति पर मुआवजा। 
  2. किसी अन्य व्यक्ति के वाहन व संपत्ति की क्षति पर भरपाई। 
  3. कानूनी और अस्पताल संबंधी खर्चों का भुगतान। 
  4. 15 लाख तक का अनिवार्य व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा का लाभ।

बहुत से लोग सोचते हैं कि 3rd पार्टी इंश्योरेंस में बीमा कराने वाले को कोई फायदा नहीं होता। ये बात सही है की बीमा कराने वाले को इसका सीधा फायदा नहीं होता, लेकिन इन-डायरेक्ट रूप से फायदा होता है। दुर्घटना में दूसरे व्यक्ति के नुकसान की भरपाई के अलावे अन्य खर्च भी इसके द्वारा कवर किया जाता है। इन खर्चों में अस्पताल और कानूनी खर्चे भी शामिल होते हैं।
 
क्षतिग्रस्त हुए व्यक्ति की ​हैसियत अगर आपसे बहुत ज्यादा हुई, तब हो सकता है कि आप उसका हर्जाना देने के लायक भी न हों। इसी प्रकार अगर आपसे किसी बहुत कीमती संपत्ति का नुकसान हो गया हो, तो उसका हर्जाना दे पाना आपके के लिये नामुमकिन जैसा होगा। 

उदाहरण के लिये- आपसे ​ऐसी कोई घटना हो जाती है, जिसका हर्जाना 1 करोड के आसपास बैठे, तो? ऐसी स्थिति में 'Third Party' बीमा आपके लिए कवच का काम करता है। आप अचानक से आये बडी देनदारी की मुश्किल झेलने से बच जाएंगे।


आपके खुद को वाहन को हुए नुकसान का मुआवजा थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी से नहीं मिलता। इसके लिए आपको Own Damage Insurance लेना पड़ता है। कंप्रिहेंसिव/पैकेज इंश्योरेंस पॉलिसी लेने पर Third Party Insurance + Own Damage Insurance, दोनों का फायदा मिलता है।

3rd पार्टी इंश्योरेंस, सिर्फ वाहन का ही नहीं बल्कि किसी भी मशीन, उपकरण जिस से कभी किसी अन्य को चोट लगने या नुकसान होने की आशंका हो तो, उसके लिए भी थर्ड पार्टी बीमा कराया जा सकता है।

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कितने का होता है?

बिमा प्रीमियम की राशी वाहन के CC क्षमता के आधार पर तय होती है। दो पहिया समान्य बाइक और स्कूटर के लिए 3rd पार्टी इंश्योरेंस प्रीमियम रु. 752 और अधिक CC वाली गाड़ी इससे ज्यादा प्रीमियम देना होता है। निजी छोटी कार के लिए Third Party Insurance price  रु. 2072 से स्टार्ट होती है, SUV गाड़ी के लिये प्रीमियम रु. 3500 के आसपास लगता है।

कमर्शियल गाड़ी जैसे ऑटो-रिक्शा के लिये बिमा प्रीमियम रु. 5500, ट्रेक्टर के लिये प्रीमियम रु. 7000, ट्रक के लिये रु. 10,000 और बस के लिये रु. 20,000 के आसपास खर्च आता है। 

ई रिक्शा का बीमा कितने का होता है?

2 सीटर E-रिक्शा का 3rd पार्टी बीमा लगभग रु. 3 हजार और बड़े ई रिक्शा का रु. 5 हजार प्रीमियम लगता है। 

नोट: 
  • ड्रिंक एंड ड्राइव मामले में दुर्घटना या क्षति होने पर कोई भी कंपनी बिमा क्लेम पर विचार नहीं करती।
  • ड्राइवर के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है तो 'Insurance Comapny' किसी भी प्रकार का क्लेम देने के लिए बाध्य नहीं होती।
  • वाहन की उम्र के कारण होने वाली टूट-फूट के लिए कोई क्लेम नहीं मिलता।
  • इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल पार्ट टूटने को कवर नहीं किया जाता है।
  • यदि वाहन गैरकानूनी कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है, तो मुआवजा के लिए कोई दावा माना नहीं जाता।

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