LLP vs Pvt ltd company in hindi | Partnership और Pvt ltd कंपनी की जानकारी

LLP (Partnership) और Pvt ltd कंपनी के नियम, फायदे और इनमें अंतर (Difference between LLP and Pvt ltd company)


कंपनी शुरू करते समय एक निर्णय लेना होता है कि आप किस प्रकार की कंपनी को शामिल करना चाहते हैं। अपनी कंपनी को पंजीकृत करते समय व्यवसाय संरचना को सावधानीपूर्वक चुनना महत्वपूर्ण है।

यदि आप को प्रा. लिमिटेड कंपनी और एल.एल.पी कंपनी में से किसी एक को चुनना है, तो यहाँ दोनों के फायदे और अंतर को बताया गया हैं, जिससे कि आप जान पाएंगे की उनमें से सबसे अच्छा विकल्प क्या है।

llp company ke fayde

LLP (Limited Liability Partnership) एक वैकल्पिक कॉर्पोरेट व्यवसाय रूप है जो प्रा.ली. कंपनी के जैसा विशेषता और पार्टनरशिप का सहूलियत देता है। पार्टनर में परिवर्तन के बावजूद LLP कंपनी अपने अस्तित्व को जारी रख सकता है। यह अनुबंध (Agreement) करने और अपने नाम पर प्रॉपर्टी रखने में सक्षम है।

प्राइवेट लिमिटेड कंपनी वैसी कंपनियाँ होती हैं जहाँ कंपनी के सभी शेयर निजी रूप से रखे जाते हैं। इसमें आप व्यवसाय को स्वयं संचालित कर सकते हैं या अपनी ओर से कंपनी का प्रबंधन करने के लिए निदेशकों (Director) को नियुक्त कर सकते हैं।





प्राइवेट लिमिटेड और LLP पार्टनरशिप कंपनी में अंतर (LLP vs Pvt ltd company) :



Pvt ltd Company LLP Company
डायरेक्टर न्यूनतम 2 अधिकतम 15 नामित पार्टनर 2
अधिकतम लागू नहीं
सदस्य न्यूनतम 2 अधिकतम 200 न्यूनतम 2
अधिकतम कोई सीमा नहीं
रजिस्ट्रेशन लागत Rs. 6000 से 25,000 Rs. 5000 से 10,000
बोर्ड मीटिंग न्यूनतम 4 मीटिंग हर साल आवश्यक नहीं
वैधानिक ऑडिट अनिवार्य अनिवार्य नहीं है, जब तक वार्षिक
टर्नओवर 40 लाख से अधिक न हो
लागू कानून कंपनी एक्ट, 2013 लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप
एक्ट, 2008
रजिस्ट्रेशन का समय 15 से 20 दिन 10 से 15 दिन
परिवर्तन इसे LLP में परिवर्तित किया
जा सकता है
दुसरे कंपनी संरचना में परिवर्तित
नहीं किया जा सकता है


LLP (Partnership) कंपनी के फायदे :

  1. LLP के गठन में कम से कम पैसे को पूंजी के तौर पर रख सकते है। इसके लिए न्यूनतम पूंजी की कोई आवश्यकता नहीं है। इससे इनके मालिकों पर बोझ नहीं पड़ता।
  2. इसके लिए न्यूनतम 2 पार्टनर की आवश्यकता होती है और अधिकतम जितना चाहे उतना रखा जा सकता है।
  3. प्रा.ली कंपनी की तुलना में LLP रजिस्टर्ड करने की लागत कम होती है।
  4. सभी प्रा.ली कंपनियों को अपने खातों का ऑडिट करवाना होता है लेकिन एल.एल.पी के मामले में ऐसी कोई आवश्यकता नहीं है। LLP में ऑडिट तभी करवाना होता है जब पार्टनर द्वारा योगदान रुपये 25 लाख या सालाना कारोबार 40 लाख से अधिक हो
  5. एलएलपी को केवल दो डॉक्यूमेंट यानि एनुअल रिटर्न विवरणी और बैंक अकाउंट, सॉल्वेंसी का विवरण साल में दर्ज करना होता है।
  6. LLP कंपनी में लाभांश वितरण पर कर (Tax) का प्रावधान देय नहीं है। साथ ही सेक्शन 40 (B) के तहत पार्टनर्स को दिए जाने वाले ब्याज, वेतन बोनस, कमीशन या पारिश्रमिक के किसी भी भुगतान पर कटौती की अनुमति है।

llp company ke niyam



LLP (Partnership) कंपनी के नुकसान और समस्याएं :


  • इस कंपनी द्वारा जनता से पैसा नहीं जुटा सकते।
  • इसमें एक पार्टनर अन्य सभी को उत्तरदायी बना सकता है या उन्हें बाँध सकता है। LLP दूसरे साथी के बिना एक साथी के कृत्य से बंध सकता है।




प्राइवेट लिमिटेड और एलएलपी, दोनों प्रकार के बिज़नस को कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के साथ पंजीकृत होना आवश्यक है।


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LLP vs Pvt ltd company in hindi | Partnership और Pvt ltd कंपनी की जानकारी LLP vs Pvt ltd company in hindi | Partnership और Pvt ltd कंपनी की जानकारी Reviewed by AwarenessBOX on 13:30 Rating: 5

7 comments

  1. Pvt company me job karna acha hota h ya LLP company me konsi compny me future growth h

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    1. dono me future me growth ho sakti... pvt ltd companiya llp se badi hoti h

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  2. क्या LLP में अपना उत्पाद का नाम/ब्राण्ड सुरक्षित रहने का विकल्प है

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    1. कंपनी का नाम सुरक्षित रहेगा, उत्पाद का नाम/ब्राण्ड ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन करवा सकते है

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  3. Is there double taxation in pvt.company.ie. company's tax & individual tax

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  4. Agar pahle se Pvt company ho dubara Pvt company New nam open karna hai to kar sakte hai kya

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  5. Kisi company ka project kaise le

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